Sunday, June 28, 2020

Probiotics strengthen the digestive system

पाचन तंत्र को मजबूत बनाए प्रोबायोटिक्स प्रोबायोटिक्स













 भोज्य पदार्थ एक तरह के लाभकारी जीवित बैक्टीरिया होते और हमारे पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है तथा उसे सुगम बनाते है। यदि इनका सेवन नियमित किया जाय तो ये हमारे शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया को कम करके इम्युनिटी को बूस्ट करते है। प्रोबियोटिक्स के अच्छे स्रोत दही, योगर्ट, केफिर, किमची, खमीरीकृत भोजन हैं। परन्तु ध्यान रहे कि सभी खमीरीकृत भोजन प्रोबायोटिक्स नहीं होते है.

Monday, June 22, 2020

Home made solution for body pain/severe physical pain

Home solutions for body pain/torment/severe physical pain

These days the bustling piece of the race life, working persistently, not eating on schedule, unreasonable physical effort, not getting enough rest or worry because of stress rapidly overpowers the body, body torment begins Which doesn't include mind in any work.


Some simple cures with which you can dispose of your body torment.





* Strip four to five bits of garlic and include a large portion of a teaspoon of thyme to thirty grams mustard oil and cook on low warmth. Expel the oil subsequent to sifting the garlic and parsley, and channel it. Rubbing this somewhat hot oil gives alleviation from a wide range of body torment. * Kneading the oil of pecans assists with diminishing fit torment of hands and feet soon.




* Fill 10 grams of camphor and 200 grams of mustard oil in a vial and close it and keep it in the sun. At the point when the two things are joined, at that point with this oil knead, a wide range of body torment, muscle torment can be relieved soon. * Turmeric is viewed as an agony executioner. In body hurt, taking turmeric powder with milk gives alleviation soon.




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* To keep away from body torment, devour products of the soil however much as could reasonably be expected. Eat nourishments wealthy in omega 3 unsaturated fats. * Blended salt in mustard oil, tepid and kneaded everywhere throughout the body and scrub down in high temp water. It gives moment alleviation.


Thursday, June 18, 2020

#वर्षा ॠतु में #इम्यूनिटी -#आयुर्वेद से

वर्षा ॠतु में आयुर्वेद






मानसून यानि वर्षा ॠतु, सावन, भादों महीने।
इम्युनिटी तो हर मौसम में बढा ही रहना चाहिए। बस आपके क्रियाकलाप बदल जायेंगे। ये मददगार होंगे इसे बढाने हेतु।
वर्षा ॠतु में वात दोष का प्रकोप होता है। जोड़ों के दर्द, मिर्गी, उन्माद, आदि। ये हुऐ पुराने बीमारी।
तात्कालिक समस्याएं यथा सर्दी-जुकाम, पाचन की कमजोरी, चर्बी बढने- ये सब भी होते इसी समय।
वात की उत्पत्ति होती तिक्त रस से यथा करेला, नीम। स्वाभाविक है इनका सेवन न करें इस समय।
तिक्त यानि तीता
आयुर्वेद की बात करें तो यह बनता समीर + गगन से।
अतः षडरस में जो भी इन दो के समावेश से बनते वह भी परहेज।
कषाय= समीर+क्षितिज। कटु=समीर+पावक। अतः इन दोनों का भी कम सेवन करें
मधुर, अम्ल, लवण का सेवन लाभदायक है मानसून में।


दही, (अम्लीय) का सेवन प्रतिदिन करें पर सिर्फ दिन मेंसाइट्रस फल ( citrous fruits ) यथा नींबू, संतरे, मौसम्मी का सेवन लाभदायक है।







गर्म पानी पीयें



अचार भी सेवन करें जो अम्लीय है ,अतः लाभ करेगा।



कोरोना-काल चल रहा। कोई भी संक्रमण ( infection ) कफ-प्रकोप है,



वात नहीं। इसका भी तो ध्यान रखना पङेगा। उपरोक्त गर्म पानी व साइट्रस फ्रूट तो लाभ देंगे ही, त्रिकटु भी जोङ लें तो और बढिया- एक ग्राम दो बार गर्म पानी से सेवन


वर्षा ॠतु में साधारण नमक न खाकर सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिये
ये सब इम्यूनिटी तो बढायेंगे ही अन्य लाभ भी होंगे

Tuesday, June 16, 2020

# Ten #benefits of #liquorice (#Mulethi-#Herb)-#Immunity#cure#cough#sore throat

liquorice (Mulethi)- Miracle Herb



Benefits of eating liquorice(Mulethi) an Indian Herb.

Properties of liquorice

 

Eating liquorice with black pepper reduces phlegm. Eating liquorice is beneficial in the case of dry cough. It cures cough and throat swelling.


 

If the mouth is dry then liquorice benefits a lot.

 

It contains up to 50 percent water content. Suck it repeatedly when the mouth is dry. This will calm thirst.

 

Mulethi is also used for sore throat. Mulethi is also used for good taste.



 

Mulethi is very beneficial for women. By taking one gram powder of liquorice regularly, women can maintain their sense of self, vagina, sex, beauty for a long time.
 
The root of liquorice eliminates stomach sores, due to which the wounds of the stomach heal quickly. Powder of liquorice root should be used in the condition of stomach wound.
Liquorice is beneficial for stomach ulcers. This not only helps in gastric ulcer but also in duodenal ulcer, the early part of the small intestine. When powder of liquorice has beneficial effects on indigestion, hyper acidity etc. of duodenal ulcer. Also heals ulcer wounds rapidly.

 


Taking powder of liquorice with milk is beneficial in the case of blood vomiting. It can also be taken with honey in case of bloody vomiting.
 
Mixing powder of liquorice in honey and dripping in the nose and feeding five grams of powder with water is beneficial.
 
Liquorice is also beneficial for intestinal TB.

 

Wednesday, June 10, 2020

Lack of immunity subjects us to common cold, sinus infections, VIRAL HEPATITIS, any parasitical infections, diarrhoea and even life-threatening AIDS

Lack of immunity subjects us to common cold, sinus infections, VIRAL HEPATITIS,  any parasitical infections, diarrhoea  and even life-threatening AIDS


#कोरोना के इलाज व बचाव को बिना #तनाव लिए ध्यान से पढ़ो और समझो #

कोरोना के इलाज व बचाव को बिना तनाव लिए ध्यान से पढ़ो और समझो !!





कोरोना एक कफ है पर ये एक सूखा कफ है। हमारे डाक्टर जितनी भी एंटीबायटिक दवाईयां देते हैं वो कफ को सुखाने के लिए देते है लेकिन ये पहले ही सूखा हुआ कफ है तो इस पर कोई असर नहीं होता। इसी वजह से इसका इलाज अभी तक नहीं ढूंढा जा सका क्योंकि वो अपने दायरे से हटकर नहीं सोच रहे।
पर आयुर्वेद में इसका बहुत ही सरल व सीधा निदान है। आयुर्वेद में कहा गया है कि कफ की बीमारी को काटना सबसे आसान है।
अब मैं इस बीमारी को काटने का सूत्र आपको समझाता हूं जोकि पूर्णतः वैज्ञानिक है। आयुर्वेद के हिसाब से प्रत्येक खाद्य वस्तु के गुण बताएं गए है। जैसे हर खाद्य पदार्थ अपनी प्रकृति के अनुसार या तो कफनाशक (कफ को नष्ट करने वाले) होता है या कफवर्धक( कफ को बढाने वाले) होता है। अब जिसको कोरोना है उसको एक बंद कमरे में क्वारंटाईन करके हमें सीधा सा काम ये करना है कि उसको कफवर्धक खाद्य वस्तुओं को देना बंद करना है और ज्यादातर कफनाशक चीजों का सेवन कराना है। जब इस वायरस को अपने बढ़ने के लिए खाद्य पदार्थ ही नही मिलेगा और जो मिलेगा वह कफ को नष्ट करने वाला है तो मैं गारंटी देता हूं पांच दिन के अंदर यह नष्ट हो जाएगा और मरीज ठीक हो जाएगा।
अब कफवर्धक चीजों की लिस्ट देख लीजिए जो कि काफी लंबी हैः-
1. कोई भी मांस, अंडा, 
2. घी, कोई भी तेल, दूध, लस्सी, पनीर, दही।
3. प्याज, आलू, उडद की दाल, चने की दाल, अरबी, शकरकन्दी, फूलगोभी, बंदगोभी, शिमला मिर्च, टमाटर, लहसुन, मशरुम।
4. संतरा, सेब, केला, ग्लूकोज, 
5. बिस्कुट, गेहूं का आटा, ब्रेड, 
नोटः- अंग्रेजी डाक्टर यही गलती कर रहे है क्योंकि वो कफवर्धक चीजों का सेवन मरीज को करा रहे हैं।
कफनाशक चीजें देख लिजिए।
1. अदरक, हल्दी, तुलसी, काली मिर्च।
2. शिलाजीत, मुलेहठी, आमलकी रसायन, काला बांसा।
3. जौ की रोटी, मूंग दाल, घीया, तोरई, जीरा, सेंधा नमक,
4. मीठा अनार, चीकू, नारियल पानी।
अब मैं आता हूं इसके इलाज पर। इसके पांच इलाज में नीचे लिख रहा हूं जिनमें से हर एक इलाज अपने आप में पर्याप्त है इसके निदान के लिएः-
1. कोरोना मरीज को सिर्फ अदरख, हल्दी, तुलसी और काली मिर्च (पाउडर रुप में) का दूध देते रहे। गाय का दूध वो भी देशी हो तो सर्वोत्तम है। उसे कुछ और ना दे। दिन में तीन टाईम ये देते रहें। एक गिलास दूध में मिलाकर गर्म करके। हां वो पानी पी सकता है अगर चाहे तो, पर वो भी गर्म होना चाहिए। 5 दिन लगातार इस प्रक्रिया से मरीज पूर्णत स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। इसे ऐसे समझें कफ का सोर्स बंद। कफ खत्म।
2. दिन में तीन टाईम दूध के साथ एक एक चम्मच शिलाजीत रोगी को दे। अर्थात तीन गिलास दूध और तीन चम्मच शिलाजीत। उसे कुछ और ना दे। शिलाजीत अत्यंत कफनाशक है। दिन में तीन टाईम ये देते रहें। एक गिलास दूध में मिलाकर गर्म करके। हां वो पानी पी सकता है अगर चाहे तो, पर वो भी गर्म होना चाहिए। 5 दिन लगातार इस प्रक्रिया से मरीज पूर्णत स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। कफ नाशक चीजें इस कफजनित बीमारी को बहुत जल्द ठीक करेंगी।
3. एक चम्मच मुलेहठी को दूध के साथ दें। दिन में तीन बार। और हां दूध हमेशा गर्म ही होना चाहिए। उसे कुछ और ना दे। दिन में तीन टाईम ये देते रहें। एक गिलास दूध में मिलाकर गर्म करके। हां वो पानी पी सकता है अगर चाहे तो, पर वो भी गर्म होना चाहिए। 5 दिन लगातार इस प्रक्रिया से मरीज पूर्णत स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। याद रखें ये शुगर के मरीज को ना दें क्योंकी मुलेहठी मीठी होने शुगर को बहुत ज्यादा बढा देती है।
4. अभ्रक भस्म (शतपुटी) शहद या मलाई या दुध में मिलाकर तीन वक्त दें खाली पेट। अभ्रक भस्म की मात्रा 1 ग्राम के आसपास होनी चाहिए। उसके लेने के दो घंटे बाद मरीज को एक गिलास दूध दें। ऐसा दिन में तीन बार करे। मरीज को और कुछ ना दे। लगातार पांच दिन यही प्रक्रिया चलनी चाहिए। हां गर्म पानी पी सकता है मरीज।
5.  काला बांसा को जलाकर उसकी राख शहद में मिलाकर दें। और दो घंटे बाद गाय का दूध दे एक गिलास गर्म। दिन में तीन बार ऐसा करे। लगातार पांच दिन यही करे।
दूध वैसे तो कफवर्धक है परन्तु गाय या बकरी का दूध में कफनाशक चीजें मिलाकर खाने से इसकी प्रवृत्ति बदल जाती है। भैंस का दूध ज्यादा कफवर्धक होता है बजाय की गाय या बकरी के दूथ के।इसके अलावा कुछ अन्य उपचार नीचे हैः
1. अन्य कफनाशक चीजों का सेवन। हां अनुपान रुप में सिर्फ गाय का गरम दूध ही लें। 
2. जहां मरीज हो उस कमरे का तापमान 45-50 डिग्री तक रखें। उसे लगातार पसीना आएगा और उसका कफ जलना शुरु हो जाएगा। ये कोरोना के विकास के लिए विषम परिस्थिति का निर्माण करता है। भारत देश के लिए खुशखबरी ये है कि आगे  गर्मी आने वाली है जिससे इस वायरस को फैलने में स्वयं रुकावट हो जाएगी।
3. अगर पेशेंट में इतनी शक्ति है कि वो रनिंग कर सकता है तो वो आधा घंटा सवेरे आधा घंटा शाम को दौड लगाए चाहें कितना ही मंदी क्यों ना दौडा जाए पर लगातार आधा घंटा दौडते रहें। यहाँ विज्ञान ये है कि जब शरीर में मेहनत होती है तो सबसे पहले कफ जलता है। ऐसा करने से उसका कफ जलेगा। हां खान पान में ये ध्यान रखना है कि कोई भी कफवर्धक चीज ना ले। जौं की रोटी खाए। और घी या तोरी या मूंग की दाल खाए। वो भी कम।
4. अगर पांच दिन तक सिर्फ मरीज को गर्म पानी ही दिया जाए और कुछ भी ना दिया जाए तो उसका कफ स्वयं खत्म हो जाएगा। हां मरीज थोडा कमजोर अवश्य हो सकता है। पर कफ का सोर्स अवश्य बंद हो जाएगा और उसका शरीर खुद इस कफ को खत्म कर देगा। याद रखे आम आदमी 60 दिन तक सिर्फ पानी पानी पर जीवित रह सकता है। भगत सिंह का साथी जतिनदास भूख हडताल के 64वें दिन ही मृत्यु को प्राप्त हुए थे। और वे सिर्फ पानी ही पी रहें थे। इसलिए बैफिक्र रहें।
5. जो आदमी एक घंटा सवेरे एक घंटा शाम को मेडिटेशन करता है उसका शरीर स्वयं इस बीमारी को समाप्त कर देता है क्योंकि उसे ईश्वरीय उर्जा प्राप्त होने लगती है। 
ये सारे प्रयोग आयुर्वेद के अनुसार है। इसलिए में कहता हूं आयुर्वेद जीवनशैली को अपना लीजिए आप.
(अपने किसी वरिष्ठ वैद्य से पुछकर पुष्टि कर लेवें।)

आपके शरीर के आंतरिक अंग खराब खाने की आदतों से डरता है!!!

आपके शरीर  के आंतरिक अंग खराब खाने की आदतों से डरता है

 


#आमाशय को डर लगता है जब आप सुबह का नाश्ता नहीं करते हैं।

             

  

     

#किडनी को डर लगता है जब आप 24 घण्टों में 10 गिलास पानी भी नहीं पीते।

   






#गाल ब्लेडर को डर लगता है जब आप 10 बजे रात तक भी सोते नहीं और सूर्योदय तक उठते नहीं हैं।




#छोटी आँत को डर लगता है जब आप ठंडा और बासी भोजन खाते हैं।





  #बड़ी आँतों को डर लगता है जब आप तैलीय मसालेदार मांसाहारी भोजन करते हैं।




#फेफड़ों को डर लगता है जब आप सिगरेट और बीड़ी के धुएं, गंदगी और प्रदूषित वातावरण में सांस लेते है।

                             



   


#लीवर को डर लगता है जब आप भारी तला भोज, जंक और फ़ास्ट फ़ूड खाते है।












#हृदय को डर लगता है जब आप ज्यादा नमक और केलोस्ट्रोल वाला भोजन करते है।

 







#पैनक्रियाज को डर लगता है जब आप स्वाद और फ्री के चक्कर में अधिक मीठा खाते हैं।

 







#आँखों। को डर लगता है जब आप अंधेरे में मोबाइल और कंप्यूटर के स्क्रीन की लाइट में काम करते है।

 





        



#मस्तिष्क को डर लगता है जब आप नकारात्मक चिन्तन करते हैं।

 




ये सभी #कलपुर्जे बाजार में उपलब्ध नहीं हैं।

जो उपलब्ध हैं वे बहुत महँगे हैं और शायद आपके शरीर में #एडजस्ट भी हो सकें।

इसलिए अपने शरीर के #कलपुर्जों को स्वस्थ रखे।